महामारी क्यों आती है :-जब जिस देश में अथवा स्थान पर पुण्य का ह्रास तथा पाप की अधिकता होती है तथा मानव राक्षसी कार्यों में संलग्न हो जाता है एवं निर्दयता पूर्ण आचरण करने लग जाता है तब उस देश एवं स्थान पर ऐसी बीमारियां अथवा महामारी प्रवेश करती है जिन से बच पाना मनुष्य के लिए नामुमकिन सा हो जाता है अथवा उन बीमारियों से निजात पाने के लिए कोई दवा कारगर नहीं साबित होती है तथा उस बीमारी से उठी परेशानियों का सामना हमें प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों रूप से करना पड़ता है यह बीमारियां पुरातन काल में भी आई थी तथा वर्तमान में भी हम एक ऐसी ही महामारी का प्रकोप झेल रहे हैं जैसे कि कोरोना एक वैश्विक स्तर की महामारी है जिसे WHO ने वैश्विक लाइलाज महामारी घोषित किया है
बचने के उपाय:-लाइलाज होने के कारण उनका कहीं भी लाज हो पाना साइंस के लिए मुश्किल है मेडिकल साइंस सिर्फ से बचने के लिए कई तरीके अपनाती हैं जिससे आप उन लोगों के संपर्क में ला रहे हैं जिन्हें यह बीमारी है इसके अलावा मेडिकल साइंस में भी इसका कोई भी इलाज नहीं है
से बचने के लिए उपाय दो तरीके से इसका उपाय निकाला जा सकता है
*पहला मेडिकल साइंस के अनुसार*
मेडिकल साइंस केवल बचने के लिए ही उपाय बता सकती हैं जैसे सैनिटाइजर का उपयोग हाथ और शरीर के लिए करना तथा मुंह पर मास्क लगाना आदि आदि कुल मिलाकर इस बीमारी से निजात पाने के लिए कोई उपाय नहीं मेडिकल साइंस के अनुसार केवल बचने के उपाय ही है
*दूसरा आध्यात्मिक रूप से अथवा सद्भक्ति से*
दूसरा आध्यात्मिक रूप से सत भक्ति करने से कई बीमारियों से निजात मिलता है जैसे कैंसर ट्यूमर एड्स आदि कई प्रकार की लाइलाज मारिया एवं महामारी से निजात मिलता है
केवल आवश्यकता होती है सद्भक्ति एवम् सद्गुरु की
अब सबसे बड़ी समस्या यह आ जाती है कि
*सदगुरु और सद्भक्ति को कैसे पहचाने*
सद्गुरु वही होता है जो गीता अध्याय 15 श्लोक 1 से 4 तक में उल्टे लटके हुए संसार रूपी वृक्ष को जड़ से पत्तों तक गिराने वाला तत्वज्ञान बताने वाला तत्वदर्शी संत होता है
तथा कुरान शरीफ के सूरत फुरकानी 25 आयत 52 से 59 में जिस बा खबर के लिए बताया गया है उस बा खबर की खोज करने के पश्चात अथवा तत्वदर्शी संत खोज करने के पश्चात
सारे पापों से निजात मिलता है बीमारियों से निजात मिलता है घोर से घोर पाप का विनाश होता है तथा मोक्ष की प्राप्ति भी होती है
जिसका प्रमाण यजूर्वेद के अध्याय 5 के मंत्र 32 में लिखा हुआ है
समाधान के प्रत्यक्ष प्रमाण :-सत भक्ति करने से सभी पापों का विनाश एवं देहीक अध्यात्मिक तथा सांसारिक लाभ भी मिलते हैं लेकिन इसके लिए पूर्ण गुरु बनाना आवश्यक है जो कि वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ही है जो पवित्र वेद पुराण कुरान गुरु ग्रंथ साहिब व बाइबल के अनुसार ज्ञान बता रहे हैं जो कि सभी सत ग्रंथों तो से प्रमाणित है इनमें सभी में सदगुरुदेव जी ने प्रमाणित कर दिया है कि कबीर परमेश्वर ही पूर्ण परमात्मा है तथा उनकी भक्ति करने से ही यह सभी लाभ हमें भक्ति करने के दौरान मिलते हैं
पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने के लिए ना किसी शुल्क का देना निशुल्क भोजन निशुल्क नाम दीक्षा किसी तरह की कोई ठगी नहीं यह भी सद्गुरु की पहचान होती है जो केवल परोपकार के लिए ही कार्य करते हैं
ऐसे कई प्रमाण है जिनकी लाइलाज बीमारियां पूर्ण परमात्मा की सत भक्ति करने से बिना किसी मेडिकल दवाइयों के ठीक हो गई तथा सांसारिक सुखों की प्राप्ति भी हुई तथा कई आध्यात्मिक लाभ भी हुए है जिनमें कुछ इस प्रकार हैं