*विज्ञान* विज्ञान उसे कहते हैं जिस ज्ञान को प्रमाण सहित प्रमाणित किया जा सके उसे विज्ञान कहते है विज्ञान तथ्यों पर व प्रमाण पर ही टिकी होती है जिसका जन विशेष नहीं सबका दृढ़ निश्चय होता है यह पूर्णतया सत्य है
तत्वज्ञान भी विज्ञान होता है फिर से शास्त्रों में संतों का ज्ञान तत्वज्ञान कहा गया है क्योंकि वह पूर्ण तरह से प्रमाणित होता है तथा व्यवहारिक रुप से भी श्रेष्ठ तथा प्रमाणित होता है यहां तत्व का अर्थ मूल भाव से होता है जिससे पर्दा पूर्ण संत एवं सद्गुरु ही उठा सकते हैं अन्य नहीं
गीता अध्याय 15 मंत्र 1 से 4 में तत्वदर्शी संत के बारे में बताया है कि उसकी प्राप्ति के पश्चात संवाद प्रणाम करके सरलता पूर्वक प्रश्न करने से वह मोक्ष मार्ग का रास्ता प्रशस्त करता है तथा उस लोक में ले जाता है जो गीता के अध्याय 18 श्लोक 62, वें में लिखा हुआ है सनातन परमधाम शाश्वत स्थान आदि नामों से बताया गया है जो विनाश में नहीं आता है नहीं वहां की जीवात्मा जन्म मृत्यु के चक्र में हैं जहां जाने के बाद जन्म मृत्यु नहीं होता सदा सदा के लिए सुख एवं जन्म जन्म मरण से छुटकारा मिलता है