श्री कृष्ण जी विष्णु जी के अवतार थे जिनकी चार भुजाएं हैं जबकि गीता बोलने वाला प्रभु एक हजार भुजाओं का है अतः यह सहस्त्र पूजा नाथ होने के कारण
इनका नाम ब्रम्ह है तथा यह 21 ब्रह्मांड का स्वामी है
तथा सर्व ब्रह्मांड का प्रभु कबीर देव अन्य है जो सभी ब्रह्मांड ऊपर स्वामित्व रखते हैं तथा सभी लोगों में प्रवेश करके सभी का धारण पोषण करते हैं
इसका प्रमाण ऋग्वेद मंडल नंबर 9 सूक्त 86 के मंत्र नंबर 26 और 27 में है
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