Sunday, May 31, 2020

#52_Cruelities_On_GodKabir

आज से 600 वर्ष पूर्व जब कबीर परमेश्वर जी अपने सतलोक से कुछ मृत्यु लोक में आए थे अपने बच्चों को सब लोग फिर से ले जाने व सदा के लिए सुखी करने जन्म मत्यु के चक्कर से बाहर निकालने के लिए जब परमात्मा पृथ्वी पर आए तो उन पर ज्ञानियों ने बहुत कहर ढाए

 दिल्ली के सम्राट सिकंदर लोधी ने जनता को शांत करने के लिए अपने हाथों से हथकड़ियाँ लगाई, पैरों में बेड़ी तथा गले में लोहे की भारी बेल डाली आदेश दिया गंगा दरिया में डुबोकर मारने का। उनको दरिया में फैंक दिया। कबीर परमेश्वर जी की हथकड़ी, बेड़ी और लोहे की बेल अपने आप टूट गयी। परमात्मा जल पर सुखासन में बैठे रहे कुछ नहीं बिगड़ा।
शेखतकी ने जुल्म गुजारे, बावन करी बदमाशी,
खूनी हाथी के आगे‌ डालै, बांध जूड अविनाशी,
हाथी डर से भाग जासी, दुनिया गुण गाती है।
शेखतकी ने अविनाशी को मारने के लिए खूनी हाथी के आगे डाला। हाथी कबीर भगवान के पास जाते ही डर कर भाग गया। तब लोगों ने कबीर साहेब की जय-जय कार की। कबीर भगवान अविनाशी है।
दिल्ली के बादशाह सिकन्दर लोधी के पीर शेखतकी ने कहा कि अगर यह कबीर अल्लाह है तो इसकी परीक्षा ली जाए कोई मुर्दा जीवित करे। तब सर्वशक्तिमान कबीर परमात्मा ने दरिया में बहते आ रहे एक लडके के‌ शव को हजारों लोगों के सामने जीवित किया। उसका नाम कमाल रखा। कबीर परमेश्वर समर्थ भगवान हैं। पूर्ण परमात्मा ही मृत व्यक्ति को जीवनदान किया शेखतकी पीर ने कबीर साहेब को नीचा दिखाने के लिए 3 दिन के भंडारे की कबीर साहेब के नाम से सभी सभी आश्रमों में झूठी चिठ्ठी डलवाई थी कि कबीर जी 3 दिन का भंडारा करेंगे सभी आना भोजन के बाद एक मोहर, एक दोहर भी देंगे। कबीर साहेब ने 3 दिन का मोहन भंडारा भी करा दिया था और कबीर साहेब की महिमा भी हुई।

Saturday, May 30, 2020

#कबीरपरमेश्वर_सशरीर_सतलोक_गए #MagharLeela_Of_GodKabir

पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब जी या कबीर देव जी जब 120 वर्ष अपनी लीला करके आज से 620 वर्ष पूर्व पुनः अपने सतलोक को जाने के लिए जब काशी से मगहर गए ब्राह्मणों एवम् पंडितों का यह मानना था के काशी में जो मरता है वह वैकुंठ लोक जाता है तथा मगहर में मरने वाला गधा बनता है इस ब्रह्म को तोड़ने के लिए कबीर परमात्मा ने काशी छोड़कर मगहर में सतलोक जाने की लीला की उस समय राजा वीर सिंह बघेल एवं मुसलमान राजा बिजली खान पठान दोनों आपस में एक दसरे के विरोधी हो गए तथा परमात्मा सतलोक जाने के बाद उनके शरीर को लेकर विवाद करने का ठान लिया था परंतु परमात्मा कबीर साहिब जी ने कहा कि मेरे सतलोक जाने के बाद जो कुछ भी आपको यहां मिले उसको आधा-आधा बांट लेना इस तरह कभी साहिब जी सतलोक चले गए तथा दो चादर तथा सुगंधित फूल मिले थे जिन्होंने हिंदू और मुसलमानों ने बराबर हिस्से में बांट लिए तथा आपस में गले मिलकर रोने लगे

Friday, May 29, 2020

चारोंयुग_में_आए_कबीरपरमेश्वर। GodKabir_Comes_In_4_Yugas

परमेश्वर चारों युगों में आते हैं वह अपने पुण्य आत्माओं को तत्वज्ञान देकर उनकी भक्ति करवाकर उन्हें मोक्ष प्रदान करते हैं तथा पूर्ण परमात्मा कबीर देव हैं कबीर साहिब हैं इसका प्रमाण ऋग्वेद मंडल नंबर 9 सूक्त 82 के मंत्र नंबर 1 और दो में है तथा ऋग्वेद मंडल नंबर 9 सूक्त 86 के मंत्र नंबर 26 और 27 में है ऋग्वेद मंडल नंबर नौ के सूक्त 96 के 16 से 20 में है सूक्त80 के मंत्र एक में है इस तरह से कई जगह परमात्मा की महिमा का गुणगान है कि वह परमेश्वर कबीर देव हैं तथा तीनों लोकों में  प्रवेश करके सभी का धारण पोषण करते हैं

Wednesday, May 27, 2020

5 जून 2020 कबीर परमेश्वर प्रकट दिवस

पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी आज से 600 वर्ष पहले धरती पर प्रकट हुए तथा अपनी पुण्य आत्माओं को तत्व ज्ञान का उपदेश देकर उन्हें ज्ञान से परिपूर्ण तथा भक्ति से परिपूर्ण करके उन्हें पापों को नाश करने वाला मूल मंत्र देकर 120 वर्ष लीला कर कर अपने सत्य लोक चले गए
तथा जिस दिन पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी प्रकट हुए थे उसी को प्रकट दिवस के रूप में माना जाता है
कबीर साहिब जी उर्फ कबीर परमेश्वर जी ने 104 वर्ष के रामानंद जी को ज्ञान चर्चा में पराजित किया तथा मुल्लाह काजियो के भी छक्के छुड़ा दिए
वे ब्रह्मा विष्णु महेश जी के पिता जी तथा माया ने किस तरह इस जीव को रोका है तथा जन्म मृत्यु के अंदर बांधा हुआ है इसका रहस्य हमेशा से बताते आ रहे थे लेकिन उनका विश्वास इसलिए लोग नहीं कर पाए क्योंकि उस समय ब्राह्मण वर्ग के अलावा कोई भी शिक्षित नहीं था इसी का फायदा ब्राह्मण वर्ग ने उठाया अन्य किसी के शिक्षित ना होने के कारण लोगों को भरमाकर उन्हें वेदों से गीता से वह ज्ञान नहीं बताया और तत्वज्ञान से स्वयं अपरिचित होने के कारण वह उस रहस्य को उजागर नहीं कर सके जिसमें ब्रह्मा विष्णु महेश जी के पिता का प्रकरण हो अथवा पूर्ण परमात्मा कौन है कैसा है कैसे मिलेगा इसको बता सके
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी वह पूर्ण संत है जो ग्रंथों से वेदों से यह बता रहे हैं कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब जी हैं तथा गीता वेद पुराण पुराण गुरु ग्रंथ साहिब आदि यही प्रमाण कर रहे हैं

Thursday, May 14, 2020

Environmental damage पर्यावरण के नुकसान


 जैसा हम देख रहे है कि पर्यावरण प्रदूषण लगातार होता जा रहा है चाहे कुछ भी कारण हो गंदगी फैलाना असभ्यता से रहना तथा बीड़ी सिगरेट हुक्का आदि का सेवन करना पर्यावरण के साथ-साथ मनुष्य जीवन पर भी बहुत बुरा असर डालता है क्योंकि मनुष्य भगवान पर यकीन करना भूल गया है तथा उसे किसी चीज का डर नहीं इसीलिए पर्यावरण प्रदूषण लगातार हो रहा है किसी भी मनुष्य को देखिए तो किसी व्यसन का शिकार है चाहे बीड़ी सिगरेट हो या अन्य किसी गुटखा जहां नालियों में थूक कर हर जगह पर्यावरण प्रदूषण कर रहे हैं जैसा कि हम देख सकते हैं नीचे दिखाए गए ग्राफ में किस तरह के से पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है

इस बढ़ते हुए पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से हम जुंज रहे हैं लगातार यह समस्या बढ़ रही है किस पर्यावरण प्रदूषण की समस्या को किस तरह मिटाया जाए किस तरह रोकथाम की जाए हमें पहले अपने आसपास के क्षेत्र को साफ कर रखना है वहां पर पेड़ पौधे आदि लगाने हैं तथा नशा मुक्त भारत नशा मुक्त विश्व को करना है बीड़ी सिगरेट हुक्का आदि कोई ना पिए तथा पानी को गंदा ना करें अनावश्यक दोहन किसी भी पर्यावरण संबंधी साधनों का ना करें इसके लिए हमें इन सब पर रोकथाम लगानी होगी पर क्या यह हम सब से संभव है

बीड़ी सिगरेटऔर हुक्के को संत रामपाल जी महाराज छुड़वा रहे हैं तथा उनसे प्राप्त भक्ति करने वाले नशा आदि को पूर्णतया भूल जाते हैं पता सादगी का जीवन बिताते हैं उन्हें कोई भी मानसिक शारीरिक व आर्थिक परेशानियां परेशान नहीं करती तथा उनके सर्व विकार दूर हो जाते हैं संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य कभी पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करते तथा उनसे प्राप्त भक्ति विधि से वे एक साधु का जीवन व्यतीत करते हैं सद्भक्ति से कई व्यक्तियों को लाभ हुआ है जिन्होंने संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा प्राप्त की है
अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टीवी चैनल पर शाम 7.30 से 8.30 तक तथा ईश्वर टीवी चैनल पर शाम 8.30 से 9.30 तक

Wednesday, May 13, 2020

From atheism to theism नास्तिकता से आस्तिकता की ओर

नास्तिकता से अभिप्राय यह है कि परमात्मा  पर विश्वास न करना है मनमाना आचरण करना दया भाव न रखना यह ना मानना कि भगवान है अथवा किसी प्रकार की कोई शक्ति है जिससे यह सब कुछ विद्यमान है परंतु ऐसा कहना कदापि उचित नहीं है भगवान तो है तभी उन्होंने इंसान को बनाया है तथा इंसान ने उनके नियमों को तोड़कर उनकी मर्यादाओं को तोड़ कर मनमाना आचरण किया है जिस वजह से उन्हें इच्छित फल प्राप्त ना होए इस प्रकार मनुष्य ने यह सोचना प्रारंभ कर दिया कि भगवान तो है ही नहीं तथा उन्होंने क्रूर से क्रूर कार्य करना शुरू कर दिए जिसमें नशा करना मांस खाना विचारे भोले भाले जानवरों पर अत्याचार उन्हें काट कर खाना अच्छा नहीं इसी का खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है कि कोरोना जैसी महामारी आज पूरे विश्व में फैल चुकी है जिसका कारण सिर्फ परमेश्वर के मर्यादाओं का उल्लंघन है जिस में मांस खाना मना किया है तथा मनुष्य मांस खाकर उनकी मर्यादाओं का उल्लंघन किया है

यह सब कुछ ठीक हो सकता है जैसा पुरातन काल में हुआ करता था जिन महापुरुषों को संतो को परमात्मा मिले भगवान मिले उन्होंने नहीं बताया है कि परमेश्वर ने उनके सारे पाप कर्म कांटे उन्हें बुराइयों से बचा कर भक्ति करवाई तथाउनका जीवन यापन परमात्मा की मर्यादाओं के अनुसार चला तथा उन्हें जीवन में कोई कष्ट नहीं हुआ ना किसी बीमारी का ना शरीरिक दुख का न किसी आर्थिक दुख का
अतः हम पुनः उसी तरह शास्त्र अनुकूल भक्ति करके उन बुराइयों से छुटकारा पाकर मर्यादा में रहकर भक्ति करके उन परमेश्वर की प्राप्ति कर सकते हैं जाने माने संतों में तथा उन महापुरुषों मैं नानक साहब जी का नाम प्रचलित है जिन्होंने भगवान को पाया तथा उनका गुणगान किया यह बताया कि भगवान कैसा है कैसे मिलता है और कैसे गुण हैं उनके और क्या उनके लाभ हैं एवं एक भगत को कैसे रहना चाहिए उनकी रहनी करनी क्या होनी चाहिए यह भी बताया है
सत भक्ति से जो कि वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ही बता रहे हैं ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उनका ज्ञान शास्त्रों से प्रमाणित है जिनमें गीता वेद पुराण कुराण गुरु ग्रंथ साहिब आदि समाहित है
तथा उनकी भक्ति से हो अद्भुत लाभ होते हैं जिनके रोग डॉक्टरों से नहीं सही जा सकते नहीं ठीक किए जा सकते हैं तथा आखिरी स्टेज पर कैंसर टयूमर अन्य किसी महामारी से पीड़ित हो उनको भी संत रामपाल जी महाराज जी की मर्यादित सत्य भक्ति करने पर अद्भुत लाभ होते हैं तथा पूर्णतया स्वस्थ होकर अपना जीवन व्यतीत करते हैं तथा उन्हें मोक्ष भी पूर्णतया प्रमाणित मिलता है क्योंकि उन्हें इस जीवन में भी इतना सुख हो जाता है कि उन्हें यह विश्वास हो जाता है कि हमें जिस राह पर चल रहे हैं वह राह सत्य हैं भगवान हमें ऐसे लाभ दे सकता है एवं दे रहा है इस तरह संत रामपाल जी महाराज नास्तिकता से आस्तिकता की ओर ले जा रहे हैं
जिनसे अद्भुत लाभ हो रहे हैं इनका प्रत्यक्ष प्रमाण उनसे जुड़े भक्तगण आदि है जिनके अनुभव में से एक यह है
इस तरह संत रामपाल जी एक अहम भूमिकााा निभा रहे हैं अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टीवी चैनल पर शाम 7.30 से 8.30 तक तथा ईश्वर टीवी चैनल पर शाम 8.30 से 9.30 तक
सभी पवित्र धर्म शास्त्रों के अनुसार प्रमाणित ज्ञान संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित पुस्तक अभी डाउनलोड करे
https://www.jagatgururampalji.org/en/publications
आप पुस्तक को डाउनलोड भी कर सकते है इस लिंक के द्वारा 

Friday, May 8, 2020

क्या श्री कृष्ण ही पूर्ण परमात्मा है

श्री कृष्ण जी विष्णु जी के अवतार थे जिनकी चार भुजाएं हैं जबकि गीता बोलने वाला प्रभु एक हजार भुजाओं का है अतः यह सहस्त्र पूजा नाथ होने के कारण
इनका नाम ब्रम्ह है तथा यह 21 ब्रह्मांड का स्वामी है
तथा सर्व ब्रह्मांड का प्रभु कबीर देव अन्य है जो सभी ब्रह्मांड ऊपर स्वामित्व रखते हैं तथा सभी लोगों में प्रवेश करके सभी का धारण पोषण करते हैं
इसका प्रमाण ऋग्वेद मंडल नंबर 9 सूक्त 86 के मंत्र नंबर 26 और 27 में है
अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टीवी चैनल पर शाम 7.30 से 8.30 तक तथा ईश्वर टीवी चैनल पर शाम 8.30 से 9.30 तक

Wednesday, May 6, 2020

secrets of VEDA'S

वेदों के अनुसार पूर्ण परमात्मा कबीर देव हैं तथा यह
ऋग्वेद मंडल नंबर 1 अध्याय 10 नंबर 11 श्लोक नंबर 4 में वर्णित है कि पूर्ण परमात्मा को वेद में युवा की उपाधि दी है बच्चे सक्षम नहीं होते हैं इसी प्रकार पूर्ण परमात्मा कबीर देव कबीर प्रभु के अतिरिक्त अन्य प्रभुओ को बच्चा जानो वह पूर्ण परमात्मा हल्के तेज पुंज का शरीर धारण करके मनुष्य के बच्चे के रूप में प्रकट होता है काल के अज्ञान रूपी तत्व ज्ञान को तोड़कर भक्तों को मोक्ष प्राप्त कराता है
ऐसा हमारे पवित्र वेद बताते हैं
आज दिन तक अज्ञानी संतों ने हमें तत्वज्ञान न बताकर पूर्ण परमात्मा की पहचान छुपा कर रखी अतः संत रामपाल जी महाराज जी  पूर्ण संत है जिन्होंने पूर्ण ज्ञान पवित्र वेद शास्त्रों से निकाल कर बताया है
अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टीवी चैनल पर शाम 7.30 से 8.30 तक तथा ईश्वर टीवी चैनल पर शाम 8.30 से 9.30 तक

secret's of GEETA

प्रश्न :- पवित्र गीता जी का ज्ञान किसने कहा ?
उत्तर :- श्री कृष्ण जी से तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को कृष्ण जी बोल रहे होते तो गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में यह नहीं कहते कि मैं अब परिवर्तन हुआ हूं तथा सबको खाने के लिए आया हूं
क्योंकि श्री कृष्ण जी तो बहुत ही प्रेम पूर्वक रहा करते थे चाहे वह इंसान हो गाय बछड़े या गोपियां सभी सेवर प्रेम पूर्वक रहा करते थे और किसी को खाने के लिए नहीं कहते थे आता यह स्पष्ट है कि गीता ज्ञान दाता श्री कृष्णा नहीं अन्य है
अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टीवी चैनल  रोज़ शाम 7:30 से 8:30 बजे तक तथा ईश्वर टीवी चैनल 8:30 से 9:30 तक तथा वृंदा टीवी चैनल 9:30 से 10:30 तक

A BOOK THAT LEADS TO THE GOAL OF LIFE

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वेदों में लिखा है परमात्मा भगत को अकाल मृत्यु से बचा सकता है, आयु बढ़ा सकता है तथा सभी रोगों से मुक्त कर सकता है ?
परमात्मा की शास्त्रानुसार सत्य भक्ति और शास्त्रविरुद्ध अंध भक्ति में क्या अंतर है ??

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