नास्तिकता से अभिप्राय यह है कि परमात्मा पर विश्वास न करना है मनमाना आचरण करना दया भाव न रखना यह ना मानना कि भगवान है अथवा किसी प्रकार की कोई शक्ति है जिससे यह सब कुछ विद्यमान है परंतु ऐसा कहना कदापि उचित नहीं है भगवान तो है तभी उन्होंने इंसान को बनाया है तथा इंसान ने उनके नियमों को तोड़कर उनकी मर्यादाओं को तोड़ कर मनमाना आचरण किया है जिस वजह से उन्हें इच्छित फल प्राप्त ना होए इस प्रकार मनुष्य ने यह सोचना प्रारंभ कर दिया कि भगवान तो है ही नहीं तथा उन्होंने क्रूर से क्रूर कार्य करना शुरू कर दिए जिसमें नशा करना मांस खाना विचारे भोले भाले जानवरों पर अत्याचार उन्हें काट कर खाना अच्छा नहीं इसी का खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है कि कोरोना जैसी महामारी आज पूरे विश्व में फैल चुकी है जिसका कारण सिर्फ परमेश्वर के मर्यादाओं का उल्लंघन है जिस में मांस खाना मना किया है तथा मनुष्य मांस खाकर उनकी मर्यादाओं का उल्लंघन किया है
यह सब कुछ ठीक हो सकता है जैसा पुरातन काल में हुआ करता था जिन महापुरुषों को संतो को परमात्मा मिले भगवान मिले उन्होंने नहीं बताया है कि परमेश्वर ने उनके सारे पाप कर्म कांटे उन्हें बुराइयों से बचा कर भक्ति करवाई तथाउनका जीवन यापन परमात्मा की मर्यादाओं के अनुसार चला तथा उन्हें जीवन में कोई कष्ट नहीं हुआ ना किसी बीमारी का ना शरीरिक दुख का न किसी आर्थिक दुख का
अतः हम पुनः उसी तरह शास्त्र अनुकूल भक्ति करके उन बुराइयों से छुटकारा पाकर मर्यादा में रहकर भक्ति करके उन परमेश्वर की प्राप्ति कर सकते हैं जाने माने संतों में तथा उन महापुरुषों मैं नानक साहब जी का नाम प्रचलित है जिन्होंने भगवान को पाया तथा उनका गुणगान किया यह बताया कि भगवान कैसा है कैसे मिलता है और कैसे गुण हैं उनके और क्या उनके लाभ हैं एवं एक भगत को कैसे रहना चाहिए उनकी रहनी करनी क्या होनी चाहिए यह भी बताया है
सत भक्ति से जो कि वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ही बता रहे हैं ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उनका ज्ञान शास्त्रों से प्रमाणित है जिनमें गीता वेद पुराण कुराण गुरु ग्रंथ साहिब आदि समाहित है
तथा उनकी भक्ति से हो अद्भुत लाभ होते हैं जिनके रोग डॉक्टरों से नहीं सही जा सकते नहीं ठीक किए जा सकते हैं तथा आखिरी स्टेज पर कैंसर टयूमर अन्य किसी महामारी से पीड़ित हो उनको भी संत रामपाल जी महाराज जी की मर्यादित सत्य भक्ति करने पर अद्भुत लाभ होते हैं तथा पूर्णतया स्वस्थ होकर अपना जीवन व्यतीत करते हैं तथा उन्हें मोक्ष भी पूर्णतया प्रमाणित मिलता है क्योंकि उन्हें इस जीवन में भी इतना सुख हो जाता है कि उन्हें यह विश्वास हो जाता है कि हमें जिस राह पर चल रहे हैं वह राह सत्य हैं भगवान हमें ऐसे लाभ दे सकता है एवं दे रहा है इस तरह संत रामपाल जी महाराज नास्तिकता से आस्तिकता की ओर ले जा रहे हैं
जिनसे अद्भुत लाभ हो रहे हैं इनका प्रत्यक्ष प्रमाण उनसे जुड़े भक्तगण आदि है जिनके अनुभव में से एक यह है
इस तरह संत रामपाल जी एक अहम भूमिकााा निभा रहे हैं अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टीवी चैनल पर शाम 7.30 से 8.30 तक तथा ईश्वर टीवी चैनल पर शाम 8.30 से 9.30 तक
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