Tuesday, June 16, 2020

अल्लाह कबीर ही पूर्ण परमात्मा है - कुरान शरीफ

पवित्र कुरान प्रमाणित करती है कि अल्लाह कबीर साहेब ही सूरत फुरकानी 25 आयत 52 में लिखा है कि कबीर साहेब ही कबीर अल्लाह तथा  पूर्ण प्रभु है तथा कबीर अल्लाह के लिए अधिक रहना
तथा संघर्ष करना है उसके लिए
तथा  सूरत फुरकानी 25 के 58 में भी लिखा है
हजरत मोहम्मद जी जिसे अपना गुरु मानते हैं पर कुरान का ज्ञान दाता अल्लाह प्रभु किसी और पूर्ण प्रभु की तरफ संकेत करता है जिसमें कहता है कि हे पैगंबर उस कबीर परमात्मा पर विश्वास रख जो तुझे जिंदा महात्मा के रूप में आकर मिला था वह कभी मरने वाला नहीं है अर्थात वास्तव में अविनाशी है तारीफ के साथ उसकी पकी का गुणगान कीए जा वह कबीर अल्लाह पूजा के योग्य है तथा उसके उपासको के सर्व वह पापों को नष्ट करने वाला है
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Tuesday, June 9, 2020

पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब जी के चमत्कार miracles of supreme God Kabir Sahib

💥"सिकंदर लोधी बादशाह के जलन का असाध्य रोग ठीक करना"
कबीर परमेश्वर जी ने दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोधी के जलन का असाध्य रोग आशीर्वाद मात्र से ठीक कर दिया। वह रोग जो किसी काजी, मुल्ला के जंत्र-मंत्र से भी ठीक नहीं हुआ था।

💥"स्वामी रामानंद जी को जीवित करना"
दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोधी ने स्वामी रामानंद जी की गर्दन तलवार से काट दी थी। कबीर साहेब जी ने देखा कि रामानंद जी का धड़ कहीं और सिर कहीं पर पड़ा था। तब कबीर साहेब ने मृत शरीर को प्रणाम किया और कहा कि गुरुदेव उठो। दूसरी बार कहते ही सिर अपने आप उठकर धड़ पर लग गया और रामानंद जी जीवित हो गए।
💥"मृत लड़के कमाल को जीवित करना"
शेखतकी का कहना था कि अगर कबीर अल्लाह है, तो किसी मुर्दे को जीवित कर दे तो अल्लाह मान लूंगा। सुबह एक 10-12 वर्ष की आयु के लड़के का शव पानी में तैरता हुआ आ रहा था। शेखतकी ने जंत्र-मंत्र से प्रयत्न किया लेकिन लड़का जीवित नहीं हुआ। तब कबीर साहेब ने कहा कि हे जीवात्मा जहाँ भी है, कबीर हुक्म से मुर्दे में प्रवेश कर और बाहर आ। इतना कहा ही था कि शव में कम्पन हुई तथा जीवित होकर बाहर आ गया।
💥"भैंसे से वेद मन्त्र बुलवाना"
एक समय तोताद्रि नामक स्थान पर सत्संग था। सत्संग के पश्चात भण्डारा शुरू हुआ। भंडारे में भोजन करने वाले व्यक्ति को वेद के चार मन्त्र बोलने पर प्रवेश मिल रहा था। कबीर साहेब की बारी आई तब थोड़ी सी दूरी पर घास चरते हुए भैंसे को बुलाया। तब कबीर जी ने भैंसे की कमर पर थपकी लगाई और कहा कि भैंसा पंडित इन पंडितों को वेद के चार मन्त्र सुना दे। भैंसे ने वेद के मंत्र सुना दिए।
💥"गोरखनाथ से गोष्ठी"
एक बार कबीर परमेश्वर जी और गोरखनाथ जी की गोष्ठी हुई। गोरखनाथ जी गंगा नदी की ओर चल पड़ा। उसमें जा कर छलांग लगाते हुए कबीर जी से कहा कि मुझे ढूंढ दो मैं आपका शिष्य बन जाऊँगा। गोरखनाथ मछली बन कर गए। कबीर साहेब ने उसी मछली को पानी से बाहर निकाल कर सबके सामने गोरखनाथ बना दिया। तब गोरखनाथ कबीर जी के शिष्य बने।
💥"मृत गऊ को जीवित करना"
सिकंदर लोधी ने एक गऊ के तलवार से दो टुकड़े कर दिये। गऊ को गर्भ था और बच्चे के भी दो टुकड़े हो गए। 
तब सिकंदर लोधी राजा ने कहा कि कबीर, यदि तू खुदा है तो इस गऊ को जीवित कर दे अन्यथा तेरा सिर भी कलम कर (काट) दिया जाएगा। साहेब कबीर ने एक बार हाथ गऊ के दोनों टुकड़ों को लगाया तथा दूसरी बार उसके बच्चे के टुकड़ों को लगाया। उसी समय दोनों माँ-बेटा जीवित हो गए। साहेब कबीर ने गऊ से दूध निकाल कर बहुत बड़ी देग (बाल्टी) भर दी
तथा कहा - 
गऊ अपनी अम्मा है, इस पर छुरी न बाह। 
गरीबदास घी दूध को, सब ही आत्म खाय।।
चुटकी तारी थाप दे, गऊ जिवाई बेगि।
गरीबदास दूझन लगी, दूध भरी है देग।।

💥"सेउ की कटी हुई गर्दन को जोड़ना"
परमात्मा कबीर ने अपने भक्त की कटी हुई गर्दन वापिस जोड़ दी थी।
आओ सेउ जीम लो,यह प्रसाद प्रेम।
सिर कटते हैं चोरों के,साधों के नित्य क्षेम।।
ऐसी-2 बहुत लीलाएँ साहेब कबीर (कविरग्नि) ने की हैं जिनसे यह स्वसिद्ध है कि ये ही पूर्ण परमात्मा हैं। सामवेद संख्या नं. 822 तथा ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 162 मंत्र 2 में कहा है कि कविर्देव अपने विधिवत् साधक साथी की आयु बढ़ा देता है।
💥"काशी का अद्भुत भंडारा"
शेखतकी मुस्लिम पीर ने कबीर साहेब को नीचा दिखाने के लिए 3 दिन के भंडारे की कबीर साहेब के नाम से सभी जगह झूठी चिठ्ठी डलवाई थी कि कबीर जी तीन दिन का भंडारा करेंगे, सभी आना। भोजन के बाद एक मोहर, एक दोहर भी देंगे। कबीर साहेब ने तीन दिन का मोहन भंडारा कराया और लाखों की संख्या में उनके अनुयायी हुए।
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Saturday, June 6, 2020

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कबीर साहेब द्वारा सर्वानंद को शरण में लेना !
पंडित सर्वानंद ने अपनी माँ से कहा कि मैंने सभी ऋषियों को शास्त्रार्थ में हरा दिया है तो मेरा नाम सर्वाजीत रख दो लेकिन उनकी माँ ने सर्वानंद से कहा कि पहले आप कबीर साहेब को शास्त्रार्थ में हरा दो तब आपका नाम सर्वाजीत रख दिया जाएगा। जब सर्वानंद कबीर साहेब के पास शास्त्रार्थ करने पहुँचे तो कबीर साहेब ने कहा कि आप तो वेद-शास्त्रों के ज्ञाता हैं मैं आपसे शास्त्रार्थ नहीं कर सकता। तब सर्वानंद ने एक पत्र लिखा कि शास्त्रार्थ में सर्वानंद जीते और कबीर जी हार गए। उस पर कबीर साहेब जी से अंगूठा लगवा लिया। लेकिन जैसे ही सर्वानंद अपनी माँ के पास जाते तो अक्षर बदल कर कबीर जी जीते और पंडित सर्वानंद हार गए ये हो जाते। ये देखकर सर्वानंद आश्चर्य चकित हो गए और आखिर में हार मानकर सर्वानंद ने कबीर साहेब की शरण ग्रहण की। 


सम्मन को पार करना !
सम्मन बहुत गरीब था। जब कबीर परमात्मा का भक्त बना। तब परमात्मा के आशीर्वाद से दिल्ली का महान धनी व्यक्ति हो गया, परंतु मोक्ष की इच्छा नहीं बनी।सम्मान ने अपने परमेश्वर रूप सतगुरु के लिए अपने बेटे की कुर्बानी की थी। जिस कारण अगले जन्म में नौशेरखान शहर के राजा के घर जन्मा। फिर ईराक देश में बलख नामक शहर का राजा अब्राहिम सुल्तान बना। परमात्मा ने उस आत्मा के लिए अनेकों लीलाएं की और उसका उद्धार किया
दादू जी का उद्धार !
सात वर्ष की आयु के दादू जी को परमात्मा कबीर जी जिंदा महात्मा के रूप में मिले व ज्ञान समझाया और सतलोक दिखाया।इसलिए परमात्मा कबीर जी की महिमा गाते हुए दादू  जी कहते हैं :-जिन मोकूं निज नाम दिया, सोई सतगुरु हमार ।दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सिरजनहार ।।
मीरा बाई को शरण में लेना
मीरा बाई पहले श्री कृष्ण जी की पूजा करती थी। एक दिन संत रविदास जी तथा परमात्मा कबीर जी का सत्संग सुना तो पता चला कि श्री कृष्ण जी नाशवान हैं। समर्थ अविनाशी परमात्मा अन्य है। संत रविदास जी को गुरू बनाया। फिर अंत में कबीर जी को गुरू बनाया। तब मीरा बाई जी का सत्य भक्ति बीज का बोया गया।गरीब, मीरां बाई पद मिली, सतगुरु पीर कबीर। देह छतां ल्यौ लीन है, पाया नहीं शरीर।।
संत गरीबदास जी को शरण में लेना
परमात्मा कबीर जी ने दस वर्षीय बालक गरीबदास जी को सतलोक के दर्शन करवाए, ज्ञान समझाया और अपनी शरण में लिया और सतलोक का वासी किया।शेखतकी के अत्याचारों को माध्यम बना लाखों जीवों का उद्धार करना
स्वामी रामानंद जी से ज्ञान चर्चा के लिए आए गोरखनाथ जी से परमेश्वर कबीर जी ने खुद चर्चा की और गोरखनाथ जी को पराजित कर सत्य ज्ञान से परिचित करवा मोक्ष की राह दिखाई।
तेरह गाड़ी कागजों को लिखना    
एक बार दिल्ली के बादशाह ने कहा कि कबीर जी ढ़ाई दिन में तेरह गाड़ी कागजों को लिख दे तो मैं उनको परमात्मा मान जाऊंगा । परमात्मा ने गाड़ियों में रखे कागजों पर अपनी डण्डी घुमा दी। उसी समय सर्व कागजों में अमृतवाणी सम्पूर्ण आध्यात्मिक ज्ञान लिख दिया। राजा को विश्वास हुआ।
धर्मदास को सदमार्ग दिखाना
भक्त धर्मदास जी बांधवगढ़ के धनी सेठ थे। देवी तथाशिव-पार्वती की पूजा, तीर्थों व धामों पर जाकर स्नान करना आदि शास्त्रविरूद्ध साधना किया करता था। धर्मदास जी जब तीर्थ यात्राओं पर निकले तो परमात्मा कबीर जी जिंदा महात्मा के वेश में उन्हें मिले और बार-बार ज्ञान की चोट की, सतलोक के दर्शन कराए और अपनी शरण में लिया।
परमपिता परमेश्वर ने अपने बच्चों के कल्याण के लिए अनेकों रूप बनाए तथा उनके सामने जाकर उन्हें तत्वज्ञान दिया उनको हर संभव मदद की तथा मोक्ष मंत्र देकर उनका कल्याण किया
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Friday, June 5, 2020

623rd_GodKabir_PrakatDiwas। 5 June 2020 Kabir parmeshwar prakat Divas

#623rd_GodKabir_PrakatDiwas
 काशी में एक लहरतारा तालाब था। गंगा नदी का जल लहरों के द्वारा नीची पटरी के ऊपर से उछल कर एक सरोवर में आता था। इसलिए उस सरोवर का नाम लहरतारा पड़ा। उस तालाब में बड़े-2 कमल के फूल उगे हुए थे। नीरू-नीमा(नि:सन्तान दम्पत्ति थे) ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के लिए गए हुए थे। वहां नीरू - नीमा को कमल कद फूल पर शिशु रूप में कबीर परमात्मा मिले थे।
बालक रूप में कबीर परमात्मा को लेकर जब नीरू तथा नीमा अपने घर जुलाहा मोहल्ला आए। जिस भी नर व नारी ने नवजात शिशु रूप में परमेश्वर कबीर जी को देखा वह देखता ही रह गया। परमेश्वर का शरीर अति सुन्दर था। आँख जैसे कमल का फूल होए, घुँघराले बाल, लम्बे हाथ, लम्बी-2 अँगुलियाँ, शरीर से मानो नूर झलक रहा हो। पूरी काशी नगरी में ऐसा अद्धभुत बालक नहीं था।
गरीब ,काशी उमटी गुल भया, मोमन का घर घेर।
कोई कहै ब्रह्मा विष्णु हैं, कोई कहै इन्द्र कुबेर।।
पूरी काशी परमेश्वर कबीर जी के बालक रूप को देखने को उमड़ पड़ी। बच्चे को देखकर कोई कह रहा है था कि ये बालक ब्रह्मा का अवतार है कोई कह रहा था साक्षात् विष्णु भगवान आये हैं, कोई इन्द्र कुबेर कह रहा था।
जब काजी कुरान लेकर शिशु रूप कबीर परमेश्वर का नामंकन करने गए तब कुरान शरीफ खोली तो उसमें सर्व अक्षर कबीर-कबीर-कबीर-कबीर हो गए। कबीर परमेश्वर शिशु रूप में बोले मैं कबीर अल्लाह अर्थात् अल्लाहु अकबर, हूँ। मेरा नाम ‘‘कबीर’’ ही रखो।
काजी गये कुरान ले, धरि लड़के का नाम।
अक्षर अक्षर में फुरया, धन कबीर बलि जांव।।
सकल कुरान कबीर है, हरफ लिखे जो लेख।
काशी के काजी कहै, गई दीन की टेक।।
कबीर परमेश्वर सन् 1398, ज्येष्ठ मास की पूर्णमासी को ब्रह्म मुहूर्त में अपने निज धाम सतलोक से चलकर आए और काशी के लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर शिशु रूप धारण करके विराजमान हुए। जहाँ से नीरू-नीमा उठा कर ले गये और पुत्रवत पालन किया।
कबीर, ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।।

कबीर परमात्मा का जन्म माँ के गर्भ से नहीं होता। वह स्वयं सतलोक से सशरीर आते हैं अपना तत्वज्ञान देने और मोक्ष प्रदान करने।
संत गरीबदास जी की वाणी है -
न सतगरु जननी जने, उनके मां न बाप।
पिंड ब्रह्मंड से अगम है, जहां न तीनों ताप।।
🎊कबीर परमेश्वर का शरीर हाड़ मांस से बना नहीं है। वह अविनाशी परमात्मा हैं। कबीर परमात्मा जन्म-मृत्यु से परे हैं। वह सशरीर प्रकट हुए थे और सशरीर मगहर से अपने सतलोक गए थे।
हाड चाम लोहू नहीं मोरे, जाने सत्यनाम उपासी।
तारन तरन अभै पद दाता, मैं हूं कबीर अविनासी।।
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Thursday, June 4, 2020

#5thJuneKabirPrakatDiwas

कबीर जयंती और कबीर प्रकट दिवस में अंतर
जो जन्मता है उसकी जयंती मनाई जाती है, जो अजन्मा है, स्वयंभू है, वह प्रकट होता है। कबीर साहेब, अमर पुरूष लीला करते हुए बालक रूप धारण करके स्वयं प्रकट होते हैं।
चारों युगों में सिर्फ कबीर परमात्मा के प्रकट होने के ही प्रमाण हैं
सतयुग में सत सुकृत नाम से,
त्रेता में मुनीन्द्र नाम से, 
द्वापर में करुणामय नाम से,
और कलयुग में अपने असली नाम कबीर नाम से प्रकट होते हैं।
बाकी सभी देव मां के गर्भ से जन्म लेते हैं।
 सिर्फ कबीर जी का ही प्रकट दिवस क्यों ?*
   ऋग्वेद मंडल नंबर 9 सूक्त 1 मंत्र 9 में प्रमाण है कि वह परमात्मा सतलोक से शिशु रूप धारण करके प्रकट होता है और कुंवारी गायों के दूध से उसकी परवरिश होती है ।
ऋग्वेद  मंडल नंबर 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में भी वर्णन है कि पूर्ण परमात्मा कबीर जी जान बूझकर बालक रूप में प्रकट होते है।
इसलिए उनका प्रकट दिवस मनाया जाता है ।
जयंती और प्रकट दिवस में अंतर जानें
जो मां के गर्भ से जन्म लेते हैं, उनका जन्म दिवस मनाया जाता है लेकिन पूर्ण परमात्मा कबीर जी का प्रकट दिवस मनाया जाता है क्योंकि वह अविनाशी परमात्मा है।
सभी देवों का जन्म दिवस तो आखिर कबीर जी का प्रकट दिवस क्यों ?
पूर्ण परमात्मा कबीर जी के अलावा सभी देव जन्म-मृत्यु में हैं और प्रकट दिवस सिर्फ अविनाशी परमात्मा का ही मनाया जाता है क्योंकि वह जन्म नहीं लेते बल्कि हर युग में कमल के फूल पर प्रकट होते हैं।

Wednesday, June 3, 2020

#KabirPrakatDiwasNotJayanti

सभी देवों का तो जन्म दिवस मनाया जाता है तो फिर कबीर जी का प्रकट दिवस क्यों मनाया जाता है 
क्योंकि कबीर परमेश्वर जी किसी माता के गर्भ से नहीं आए वे अविनाशी परमात्मा है वैसे अपने निजी लोक सतलोक से चल कर पृथ्वी पर सह शरीर प्रकट होते हैं
तथा अपने अच्छी आत्माओं को पुण्य आत्माओं को सतलोक का ज्ञान देकर वेदों और गीता का तत्वज्ञान बताकर उस में छुपे रहस्यों का ज्ञान उजागर करके उन्हें अमृत्व से परिचित करवाते हैं तथा जन्म मृत्यु से छुटकारा कैसे पाया जाए वह मूल मंत्र क्या है सारनाम की वास्तविकता सभी का ज्ञान कराकर उसे भक्ति करवा कर अपने निज लोक सतलोक में स्थान प्राप्त करवाते हैं
तथा वह परमात्मा घोर से घोर पाप का भी विनाश कर सकते हैं किसी भी रोग का नाश कर सकते हैं तथा काल के बंधनों से छुड़वा सकते हैं इन सभी का प्रमाण यजुर्वेद मंडल नंबर 9सूक्त 1 मंत्र 9 ! सूक्त 82मंत्र 1और2 सूक्त 86 के मंत्र 26और 27 , सूक्त 96 के मंत्र 17 से 20 तक यजुर्वेद अध्याय 05 मंत्र 36 में
सामवेद कांड 4 अनूवाक 1 मंत्र 7 और कई स्थानों पर प्रमाण है
Saint Rampal Ji Maharaj
Kabir Is God  
5 जून 2020 कबीर परमेश्वर प्रकट दिवस
साधना टीवी पर मेगा सत्संग सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक

#कबीरपरमेश्वर_का_अद्भुतज्ञान #DeepKnowlegde_Of_GodKabir

पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब जी ने ही पहली बार सर्वप्रथम यह बताया कि ब्रह्मा विष्णु महेश नाशवान है तथा परमेश्वर कोई और है जो अविनाशी है तथा अविनाशी लोग में रहता है वहां जाने वाली प्रत्येक आत्मा भी अविनाशी हो जाती है उसका भी जन्म मृत्यु सदा के लिए खत्म हो जाता है सदा के लिए वह आत्मा सुखी हो जाती है तथा कबीर परमेश्वर जी ने अपनेसतलोक से चलकर यहां पृथ्वी पर अपनी अच्छी आत्माओं को लेने के लिए आते हैं तथा भक्ति विधि बता कर उनका मोक्ष कराते हैंअधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टीवी चैनल 7:30 से 8:30 तक ईश्वर टीवी चैनल 8:30 से 9:30 तक 5 जून 2020 कबीर परमेश्वर प्रकट दिवस

Monday, June 1, 2020

#कबीरपरमेश्वर_के_चमत्कार #4दिन_बाद_कबीरप्रकटदिवस #Miracles_Of_GodKabir #4DaysLeft_KabirPrakatDiwas

परमेश्वर कबीर साहिब जी ने अपने जीवन लीला में कई चमत्कार किए 8 से 600 वर्ष पूर्व मैं अपने बाल्यकाल से लगाकर 120 वर्ष तक उन्होंने लीला की उनमें कई लीलाओ में आशीर्वाद मात्र से जलन का रोग सिकंदर लोदी का सही करना तथा रामानंद जी को अपनी शरण में लेना मीराबाई का कल्याण करना सत भक्ति एवं मोक्ष मार्ग दिखाना सर्वानंद की मां शारदा का कल्याण करना उसका जातिवाद की भावना को मिटाना नो नाथो में से एक गोरखनाथ को भी अपनी शरण में लेना आदि आदि कई पुण्य आत्माओं को अपने चरणों में लेकर उन्हें सत्य मार्ग दिखाया सद्भक्ति दिखाई मूल मंत्र देकर उनका कल्याण किया तथा उन्हें सतलोक वासी किया
वर्तमान में कबीर साहिब जी के अवतार पूर्ण परमात्मा बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी के रूप में है तथा पुनः वही लीलाएं कर रहे हैं जो आज से 600 वर्ष पूर्व पूर्ण परमात्मा ने कि आज भी हम वह मूल मंत्र संत जी से प्राप्त करके अपना कल्याण करवा सकते हैं अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टीवी चैनल 7:30 से 8:30 तक ईश्वर टीवी चैनल 8:30 से 9:30 तक

Real_Ram

असली राम कौन है ? राम शब्द का अभिप्राय प्रभु से होता है क्योंकि अगर हम राम शब्द का अभिप्राय केवल भगवान श्री राम जो कि द्वापर युग...